सुंदरता

 चाहे  नैन  तेरे  ना  कजरारे और  ना हो उनमें लावण्य                   पर मुझको तो सुंदर लगता है उनमें भरा हुआ कारुण्य।

 चाहे नैन तेरे ना हिरनी जैसी ना ही नीले नशीले हैं                         पर लोक लाज से भरे हुए हैं शर्मो हया से गीले हैं।

लोगों की पीड़ा को देख जो छलकें नैन वही दो प्यारे हैं                उन  नैनो  को क्या  हम  देखें  जिनमें  भरे  अंगारे  हैं ।

सुंदर तन वह होता है जिसमें सुंदर मन रहता है                        तुम सबसे सुंदर लगती हो यह मेरा हृदय कहता है।

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