स्वतंत्रता दिवस पर

 

माथे पे रोली का तिलक किया और रण में लड़ने भेज दिया,
अपनी  आंख के  नूर को  जिसने देश  पे मरने भेज दिया।
मां  की   इस  कुर्बानी  का  फिर  कोई  तौल  नहीं  होता,
भावनाओं   के   रिश्ते  हैं  यह   इनका  मोल  नहीं होता।
मां  के मन  की पीड़ा  से   फिर  धरती   भी फट जाती है,
चंदन करके जिस को भेजा  जब उसकी अर्थी  आती है।
फिर   सपनों में  आकर  के   वो  दस्तक   सी  दे जाता है,
और    आंखों  के   भीतर  बस  कर  नींदे भी  ले जाता है।
आहट  सी   कोई  होती है   तो  लगता है।  वो ही आया है,
आंख   खुली तो   देखा  यह  तो  मात्र   भ्रम।  की छाया है।
तब   उस  मां  का   बलिदान  भी   शहीदों   सा उपयोगी है,
तुम  उसको  भी  जी कर  देखो   जिसने ये  पीड़ा भोगी  है।

जब  मेहंदी  वाले  हाथों  से  खत  कोई  लिखा  जाता  है
जब  सिंदूरी  गालों  पर  पलकों  से  पानी  गिर  आता है।
जब  लाली  वाले  होठों  से  सिसकी  सी  कोई  बहती है,
जब छुप छुप कर वो रोती है पर मुंह से  कुछ ना कहती है।
जब भावनाओं और जज्बातों को फर्ज से तोला जाता है
जब करवा चौथ का व्रत भी डर के साए में खोला जाता है।
जब  सुहाग  सेज  के  बदले में कांटों  पर सोना पड़ता है,
जब नई नवेली दुल्हन को हर करवट पर रोना पड़ता है।
जब चूड़ी की खन खन के बदले आहो का क्रंदन होता है,
जब अरमानों वाली रातों में सिसकी का बंधन होता है।
तब उस दुल्हन का बलिदान भी शहीदों सा उपयोगी है,
तुम उसको भी जी कर देखो जिसने यह पीड़ा भोगी है।

अपने  दिल के टुकड़े  को  था बाबा ने बलिदान किया,
राष्ट्रगौरव के हित के खातिर कुलदीपक का दान किया।
एहसासों  को मारकर  जीना  छोटा  काम   नहीं  होता,
हंसते   हंसते  आंसू  पीना  भी   आसान   नहीं   होता।
फिर देख तिरंगे में लिपटा बेटा आंखों से गंगा जमुना छूट गई,
बाबा   बेचारे   समझ  गए   कि   उनकी  लाठी  टूट गई।
जिसके  कांधे पर  जाने का  मन में सपन  संजोया  था,
उस  को  कांधा  देते   बाबा  फूट-फूट  कर   रोया   था।
सूना   चेहरा,   सूनी   आंखें,    अब   सूना  संसार   है,
तेरे  बिन  जीना   क्या   बेटा  अब।  जीवन  बेकार है।
तब देश प्रेम के हवन कुंड का बाबा भी एक योगी है,
तुम उसको भी जी कर देखो जिसने यह पीड़ा भोगी है।
                                                                         
                                                                            दिनेश

                                                                                    

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